हरियाणा के कैथल जिले में एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में घुसने की कोशिश की दौरान पकड़ी गई।

हरियाणा के कैथल जिले में एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में घुसने की कोशिश की दौरान पकड़ी गई।


दरअसल यह लड़की जिस दिन करतारपुर गलियारे के रास्ते पाकिस्तान गई थी उस दिन उस नाम की छह महिलाएं दर्शन के लिए वहां गई थीं, लेकिन सभी उसी दिन शाम को वापस भारत लौट आईं थी। बता दें ‎कि चौकस पाकिस्तानी रेंजर्स ने लगभग 20 साल की इस सिख लड़की को करतारपुर में पकड़ कर भारत को सौंप दिया। इसके बाद में जांच में पता चला है कि ये लड़की अपने बॉयफ्रेंड और उसके तीन दोस्तों की मदद से नकली आईडी पर कॉरिडोर से बाहर निकलने लगे, तो वहां मौजूद पाकिस्तानी रेंजर्स ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।


बाद में पूछताछ के बाद लड़की को वापस भेज दिया और अन्य चार लोगों को हिरासत में ले लिया। बता दें ‎कि यह घटना नवंबर के आखिरी हफ्ते की है, लेकिन इसका खुलासा मंगलवार को हुआ। बताया गया ‎कि ये सिख युवती हरियाणा के कैथल जिले की रहने वाली है।


वो अपने पाकिस्तानी फेसबुक फ्रेंड से मिलने सिख श्रद्धालु के रूप में करतारपुर गलियारे के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुई थी। जब वो करतारपुर गुरुद्वारे पहुंची, तो वहां फैसलाबाद का वो युवक अपने एक दोस्त और एक पाकिस्तानी लड़की के साथ मौजूद था। ये चारों उससे गुरुद्वारे की पहली मंजिल पर मिले और बातचीत के बाद सिख लड़की ने करतारपुर कॉरिडोर से वापस भारत जाने के बजाय पाकिस्तान में बिना वीजा घुसने की योजना बनाई।


इसके तहत पाकिस्तानी लड़की ने अपना विजिटर कार्ड कैथल की रहने वाली लड़की को दे दिया, जिसके बाद उसने अपना यात्रा कार्ड कूड़ेदान में डाल दिया, ताकि किसी को पता न चले कि वो भारत से आई श्रद्धालु है। इससे पहले कि वो सभी करतारपुर गुरुद्वारे के इलाके से निकलकर पाकिस्तान के अंदर प्रवेश करते, पाकिस्तानी अधिकारियों को उन पर संदेह हुआ और उन्होंने सबको रोक लिया और पूछताछ की जिससे इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।


" alt="" aria-hidden="true" />


Popular posts
NEWS
Image
NEWS
Image
सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दुनिया में जितने केस आए हैं उसके मुकाबले भारत में बहुत कम मामले हैं। कई क्षेत्रों में अब जांच भी बढ़ गई हैं। इसके बाद भी मरीज कम ही सामने आ रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हमें बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कुछ क्षेत्रों में इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन स्थानों पर प्रशासनिक कार्य काफी किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी अपील की है कि लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूर करना है। अभी तक यही तरीका है जिसकी बदौलत कोरोना वायरस को रोक पाए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सुरक्षा उपकरणों की मांग करने वाले डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को गुणवत्ता के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। इनकी कमी के कारण ही डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ इसकी मांग कर रहा है, लेकिन जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए डॉक्टरों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त आदेश जारी करने की अपील भी की है।
देश के कुछ हिस्सों में कोरोना की स्थिति गंभीर, स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, भारत अभी स्टेज तीन से दूर