शाहीन बाग नहीं तौहीन बाग है, यहां से हो रही भारत को टुकड़े-टुकड़े करने की साजिश: भाजपा

दिल्ली चुनाव से पहले शाहीन बाग पूरे प्रचार अभियान के केंद्र में आ गया है। इसी को लेकर आज भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह कहा कि शाहीन बाग तौहीन बाग है और यहां भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की कोशिश की जा रही है।संबित पात्रा ने ये भी पूछा कि सिसोदिया ने क्यों कहा कि वो शाहीन बाग की महिलाओं के साथ हैं। केजरीवाल जी जवाब दो, राहुल जी जवाब दो आप क्यों देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ हो।

संबित ने आगे कहा कि शाहीन बाग दिशाहीन बाग है। बीजेपी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि इस वीडियो से शाहीन बाग की सच्चाई सामने आई है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में कई तरह की देशविरोधी बातें सुनने में आ रही हैं। पात्रा ने बताया कि यह शरजील इमाम का वीडियो है। अब खबर है कि शरजील इमाम पर देशद्रोह का मामला दर्ज होगा। 

पात्रा ने ये भी आरोप लगाया है कि असम को देश से अलग करने की बात इस वीडियो में हो रही है।


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सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दुनिया में जितने केस आए हैं उसके मुकाबले भारत में बहुत कम मामले हैं। कई क्षेत्रों में अब जांच भी बढ़ गई हैं। इसके बाद भी मरीज कम ही सामने आ रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हमें बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कुछ क्षेत्रों में इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन स्थानों पर प्रशासनिक कार्य काफी किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी अपील की है कि लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूर करना है। अभी तक यही तरीका है जिसकी बदौलत कोरोना वायरस को रोक पाए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सुरक्षा उपकरणों की मांग करने वाले डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को गुणवत्ता के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। इनकी कमी के कारण ही डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ इसकी मांग कर रहा है, लेकिन जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए डॉक्टरों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त आदेश जारी करने की अपील भी की है।
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सुरक्षा उपकरणों की मांग करने वाले डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को गुणवत्ता के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। इनकी कमी के कारण ही डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ इसकी मांग कर रहा है, लेकिन जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए डॉक्टरों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त आदेश जारी करने की अपील भी की है।