यूपी डीजीपी ने हिंदू महासभा अध्यक्ष की हत्या पर दिया ये बयान, जांच को लेकर कही ये बात
विश्व हिंदू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन हत्याकांड की जांच में एसटीएफ के अलावा पुलिस व क्राइम ब्रांच की आठ टीमें लगाई गई हैं और रविवार शाम सीसीटीवी से प्राप्त हुई आरोपियों की तस्वीरें भी जारी कर दी गई हैं।
 

मामले में पुलिस दबाव में हैं। सोमवार को जब इस पर यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि जांच चल रही है। वारदात हुए करीब 36 घंटे हो चुके हैं लेकिन पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं।

बता दें कि वारदात के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने ड्यूटी में लापरवाही पर केडी सिंह बाबू स्टेडियम चौकी प्रभारी संदीप तिवारी व परिवर्तन चौक पर लगी पीआरवी के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। हत्यारों की तस्वीर जारी कर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।

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सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दुनिया में जितने केस आए हैं उसके मुकाबले भारत में बहुत कम मामले हैं। कई क्षेत्रों में अब जांच भी बढ़ गई हैं। इसके बाद भी मरीज कम ही सामने आ रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हमें बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कुछ क्षेत्रों में इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन स्थानों पर प्रशासनिक कार्य काफी किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी अपील की है कि लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूर करना है। अभी तक यही तरीका है जिसकी बदौलत कोरोना वायरस को रोक पाए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सुरक्षा उपकरणों की मांग करने वाले डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को गुणवत्ता के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। इनकी कमी के कारण ही डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ इसकी मांग कर रहा है, लेकिन जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए डॉक्टरों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त आदेश जारी करने की अपील भी की है।
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