एम्स में कोरोना के मरीजों के लिएः . एम्स ट्रामा सेंटर के आईसीयू में 20 बेड। . झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल में 50 आइसोलेशन, 25 आईसीयू बेड। . बर्न एंड प्लास्टिक ब्लॉक में 30 आईसीयू बेड। . 150 आइसोलेशन बेड अलग से आरक्षित किए गए।

एम्स में कोरोना के मरीजों के लिएः
. एम्स ट्रामा सेंटर के आईसीयू में 20 बेड। 
. झज्जर स्थित कैंसर अस्पताल में 50 आइसोलेशन, 25 आईसीयू बेड।
. बर्न एंड प्लास्टिक ब्लॉक में 30 आईसीयू बेड।
. 150 आइसोलेशन बेड अलग से आरक्षित किए गए।


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सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दुनिया में जितने केस आए हैं उसके मुकाबले भारत में बहुत कम मामले हैं। कई क्षेत्रों में अब जांच भी बढ़ गई हैं। इसके बाद भी मरीज कम ही सामने आ रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हमें बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कुछ क्षेत्रों में इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन स्थानों पर प्रशासनिक कार्य काफी किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी अपील की है कि लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूर करना है। अभी तक यही तरीका है जिसकी बदौलत कोरोना वायरस को रोक पाए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सुरक्षा उपकरणों की मांग करने वाले डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों को गुणवत्ता के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना जरूरी है। इनकी कमी के कारण ही डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ इसकी मांग कर रहा है, लेकिन जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए डॉक्टरों ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त आदेश जारी करने की अपील भी की है।
कई मरीजों की डॉक्टरों के साथ अपॉइंटमेंट तय थी जिसे निरस्त कर दिया है। अब मरीज फोन के जरिए डॉक्टर से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर बात कर सकते हैं। फोन पर कॉल के अलावा वॉट्सएप और मैसेज के जरिए डॉक्टर से सुझाव ले सकते हैं।